Monday, April 16, 2007

वर्जीनिया टेक में गोलीबारी: ३३ हत, कई आहत

वर्जीनिया टेक की ड्रिल फील्ड पर कुछ देर पहले करीब २०-२५००० होकीज़ (यानी वर्जीनिया टेक के छात्र, प्राध्यापक, स्टाफ और अलेम्नाई ) और अन्य लोगों ने मोमबत्तियां जलाईं गईं और मिलकर अपनी एकता का आह्वान किया। ड्रिल फील्ड से एक ताज़ा चित्र।



हत छात्रों एक और छात्र का नाम है रीमा साहा जो कि नाम से भारतीय मूल कि लगती हैं, मगर इसके अलावा कोई और जानकारी इनके बारे में अभी उपलब्ध नहीं है। रीमा प्रथम वर्ष की छात्रा हैं जो की वॉशिंग्टन के पास सेंटरविल की रहने वाली हैं।
--रीमा के बारे में ताज़ा जानकारी ये बताती है की वे मूलतः इजराइल से थीं।

भारतीय दूतावास से अधिकारी वर्जीनिया टेक में। वे भारतीय छात्रों को ये बताना चाहते हैं कि वे कैसे भारतीय छात्रों की मदद कर सकते हैं। ये मुद्दा अलग है कि वे कभी भी अपना फोन नहीं उठाते, बात और मदद तो दूर कि बात है।

भारतीय छात्रा मीनल पांचाल की मृत्यु की पुष्टि।

हत्यारे कि पहचान के दक्षिण कोरिया के छात्र के रुप में की गयी है। ज्यादा जानकारी यहाँ उपलब्ध है
कुछ हत लोगों के नाम घोषित कर दिए गए हैं, जिन्हे आप यहाँ देख सकते हैं

मेरे विभाग कि एक छात्रा जूलिया प्राइड कि भी इसी घटना में मृत्यु हो गयी है।

मारे जाने वालों में एक प्रोफेसर डॉ॰ जी वी लोगानेथान भारतीय हैं। सिविल इंजीनियरिंग कि एक कक्षा जो मैंने तीन साल पहले ली थी -इन्ही प्रोफेसर के द्वारा- उसमें लगभग सभी मारे गए। एक भारतीय छात्र के गायब होने कि खबर कई स्रोतों से सुनने में आयी है , लेकिन अभी तक कोई पक्की खबर नही है।

ताज़ा खबर: अभी तक मारे जाने वाले लोगों कि संख्या ३३ बताई गयी है। ३१ लोग इंजीनियरिंग हॉल और २ लोग छात्रावास में मारे गए।

जैसा आपमें से कई जानते हैं कि मैं वर्जीनिया टेक में पीएच.डी कर रहा हूँ। १६ अप्रैल को किसी अज्ञात बंदूकधारी या किन्हीं अज्ञात बंदूकधारियों ने दो अलग अलग जगहों पर कई लोगों कि गोली मार कर हत्या कर दी। पहली घटना एक छात्रावास में करीब सवेरे ७:१५ बजे हुई, और दूसरी घटना एक इंजीनियरिंग हॉल में करीब ९:३० बजे के बाद हुई। फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि ये घटनाएं जुड़ी हैं या अलग अलग और अभी तक सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं। अभी तक कि पक्की खबर ये बता रही है कि करीब ३२ लोगों कि मृत्यु हो चुकी है, जिनमें एक बंदूकधारी भी शामिल है। अमरीका के इतिहास में ये अभी तक की सबसे बड़ी घटना बतायी जा रही है।

मुझे चूंकि आज कालेज देर से जाना था और जब तक मैं जाता, इस बारे में खबर आ चुकी थी, इसलिये मैं सुरक्षित घर पर ही रहा। मेरे मित्रों में भी सभी ताज़ा जानकारी मिलने तक सुरक्षित हैं।
इंजीनियरिंग हॉल में कई भारतीय भी पढ़ते हैं, किन्तु जिस कक्षा में ऐसा हुआ वहाँ के बारे में कोई खास जानकारी फिलहाल नहीं है। जैसे जैसे जानकारी मिलेगी मैं इसी पन्ने पर बताता रहूँगा। हत्या के कारण के बारे में कई कयास लगाए जा रहे हैं, जिनके बारे में अभी बात करना जल्दबाजी होगी। नीरज दीवान जी के सौजन्य से मैंने इंडिया टीवी पर भी इस बारे में सीधी बातचीत की, जिसके बारे में बाक़ी जानकारी वही देंगे।

आज रात को मैं इससे सम्बंधित शोक सभा में भी जाऊंगा।
राग

13 टिप्पणियाँ:

Anonymous said...

aaj apne yehan bhi charcha ka yehi vishay reha, subah ye sankhya 21 batayi gayi thi aur ek hi jegah ki golibaari ki khabar thi.

Udan Tashtari said...

बहुत अफसोस जनक घटना रही. बड़ा दुख हुआ सुनकर. दोपहर से टीवी पर देख रहे हैं. ईश्वर की बड़ी कृपा है कि आप और आपके मित्र सब कुशल हैं.

रवि रतलामी said...

कारण जो भी हो, बड़ा ही दुखद है यह घटना और इसकी भर्त्सना की जानी चाहिए.

शोक में हम आपके साथ हैं.

Srijan Shilpi said...

अनुराग जी, यह अत्यंत दु:खद ख़बर सुनाई आपने। शुक्र है कि आप सही-सलामत हैं। अपडेट देते रहिएगा, खासकर वारदात के पीछे की वज़ह और इसमें शामिल व्यक्तियों के बारे में।

भारतीय विश्वविद्यालयों में छात्रों का हथियारों से लैस होना बहुत सामान्य बात है, लेकिन यहां भी इस तरह की वारदात शायद ही कभी हुई होगी।

Anonymous said...

यह बड़ी दुखद घटना है! तुम्हारी और सारे मित्रों की सुरक्षा की दुआ करता हूं!

Anonymous said...

हम आपके दूःख मे सहभागी है।

SHASHI SINGH said...

भाई अनुराग, आपके और आपके मित्रों के सुरक्षित होने का संतोष है।

इस तरह की घटना की जितनी भी निंदा की जाये कम है।

अफ़लातून said...

इस हालत में आप यह सूचना पोस्ट कर सके,यह बहुत बड़ी बात है।
यह घटना सबसे बड़ी भले हो इस प्रकार की घटनाएं अक्सर खबरों में रहती हैं। सिरफिरे हत्यारे के एशियाई मूल का होने से क्या लोगों के पूर्वाग्रह मजबूत होंगे?

mamta said...

जी अनुराग ये बहुत ही दुखदायी घटना है। पता नही निर्दोष लोगों की जान लेकर इन्हे क्या मजा आता है ।

ghughutibasuti said...

पढ़कर बहुत दुःख हुआ ।
घुघूती बासूती

Anonymous said...

अत्यंत दुखद ख़बर है. भारतीयो में चिंता और कौतुहल बना हुआ है. आप समाचार अद्यतन कर रहे हैं यह पुनीत कार्य है. हिन्दी में सराहनीय प्रयास. साधुवाद

Udan Tashtari said...

जैसे जैसे आप समाचार देते जा रहे हैं-बहुत ज्यादा अफसोस हो रहा है. क्या क्या न सपने सजाये होंगे इन लोगों ने और एक क्षण में बिना किसी खता के सब कुछ खत्म.

Pramendra Pratap Singh said...

एक दुःखद घटना, भगवान मृतात्‍मा को शन्ति प्रदान करे।