Tuesday, April 03, 2007

चलो नेतागिरी करें

दो दिन पहले उप्र के चुनाव कि कवरेज सुन रह था बीबीसी में. जी उकता गया सच में. सोचा कि जिन मुद्दों को मैं थोड़ा सा भी महत्व देता हूँ, उसकी क्या कीमत है आज?

  • सूख रही है गंगा? सब बकवास है? (या फिर सवर्णों या ईसाईयों का झूठा प्रचार है )
  • ग्लोबल वार्मिंग? यह क्या है?
  • मरता हुआ किसान? अमेरिका से अनाज सकता है ना!
  • प्राथमिक शिक्षा? सब पढ़ गए तो हमें वोट कौन देगा?
  • उच्च शिक्षा? जाओ ना पढ़ने विदेश फिर?
  • समाजिक बराबरी? आरक्षण का लेमन चूस दिया ना? चूसो?
  • बिजली? जो आज तक ना रही उसके बारे में क्या उम्मीद करो?
  • भ्रष्टाचार? ये भी कोई मुद्दा है?
  • शोध? क्यों? हमें तो सब पता हैं ना?
  • एड्स? श्श्श्श्श्श्श्श
एक छोटी से कविता लिख दी इस मुद्दे पर, माफ़ कीजियेगा

चलो नेतागिरी करें
तुम जाती का मुद्दा उठाओ,
हम गरीबी का उठाते हैं

तुम मंदिर बनाओ,
हम कहीँ मदरसा खङा करवाते हैं
तुम जुर्म कि गिनती कराओ
हम गबन कि करवाते हैं

चलो नेतागिरी करतें हैं

अब क्या करना इस बात से कि
किसान मर रहे हैं
सरपंच से कह कर उनके वोट तो पड़ ही जाते हैं

अब क्या करना इस बात से कि
गंगा गन्दी हो रही है
कुम्भ में नहाते वक्त
पानी ही तो छोड़ना होगा बाँध से
और फिर हो जाएगा हर हर गंगे

क्या मतलब इस बात से कि
सूख रही गंगा,
नहीं कर पाएगी भरण पोषण
इस सूखते हुए राज्य का।
बंगलादेश से मँगा लेंगे कुछ और वोटर

बिजली अब कोई मुद्दा नहीं
सबके पास जनरेटर है
नहीं तो एक इनवर्टर है
वैसे एक घंटे भी रहेगी बिजली तो
अमिताभ प्रचार कर ही देगा

भ्रष्टाचार कोई मुद्दा रहा नहीं
एक ही तो हम्माम है
सब ही हैं इसमें नंगे
हम राजा तो तुम्हारी जांच
तुम राजा तो हमारी जांच

यह खेल भी बड़ा निराला है
सबको मंत्रमुग्ध कर डाला है
फिर गद्दी पर आएंगे
कुछ और भी खेल दिखायेंगे

आओ वोट माँग के आते हैं,
कुछ और भी रंग दिखाते हैं

चलो नेतागिरी फैलाते हैं

राग

6 टिप्पणियाँ:

Pramendra Pratap Singh said...

बहुत अच्‍छा अनुराग भाई

मजा आ गया

ghughutibasuti said...

सही कह रहे हैं आप,बहुत अच्छे!
घुघूती बासूती

Udan Tashtari said...

सही कह रहे हो, चलो कर ही ली जाये एकबार नेतागिरी..अनुराग तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं. :)

Piyush said...

सही बात उठाई है आपने। लेकिन बातें उठाकर भी क्या फ़ायदा है?

अनूप शुक्ल said...

अच्छी कविता लिखी। वाह! बहुत अच्छे!

Anonymous said...

tarifay kabil hai janaab ....one of the best i ever read hindi kavita..