वैसे देखे हुए तो करीब अब एक हफ्ता हो ही गया। बढ़िया फिल्म है। अब स्पाइडरमैन की फिल्म में एक्शन, स्टंट, और बेहतरीन प्रभाव तो होते ही हैं, लेकिन इसके अलावा भी कहानी में एक खास बात होती है जो आपको बाँध कर रखती है। स्पाइडरमैन श्रंखला कि मैंने तीनों फिल्में देखीं है और कई कई बार देखी हैं। मूवी के अपने कुछ खास पल हैं। पीटर पार्कर और मैरी जेन का मकड़ी के जाल पर बैठ कर बातें और प्यार करने का दृश्य बड़ा ही खूबसूरत बना है। एक बहुत ही महत्वपूर्ण दृश्य तब है जब पीटर पार्कर अपनी आंटी से कहता है की वो मैरी से शादी करने के लिए कहेगा। इस समय बाक़ी बातों के अलावा पीटर कि आंटी उसे बताती है की शादी से पहले इस बात का वादा करो कि खुद से आगे हमेशा अपनी पत्नी को रखोगे। और ये भी की लड़कियों से शादी के लिए पूछना उनके लिए एक बहुत खास पल होता है, और इसको जितना खूबसूरत बना सको, बनाना। अब मैं पीटर कि आंटी के सारे उदगार बता दूंगा तो आपका मूवी का मज़ा खराब हो जाएगा। स्पाइडरमैन-३ ज़रूर देखिए क्यूंकि इसमें स्पाइडरमैन है, खूबसूरत मैरी जेन है, बेहतरीन स्टंट, और एक्शन है, लेकिन इससे भी बड़ी बात है आपको बाँध के रखने वाली कहानी। राग |
Sunday, May 27, 2007
स्पाइडरमैन - ३ देख ली
Monday, May 21, 2007
सैन फ्रांसिस्को की हमारी ताज़ा यात्रा
अमरीका में रहते हुये अब ५ साल से ऊपर हो गए मगर पश्चिम में जाने का मौका हमें अब मिला। यूँ तो यात्रा करीब ४ दिन की थी, मगर दौड़ भागी में ही समय निकल गया और पर्यटन कम हो पाया। लेकिन हर नयी जगह का अपना अनुभव अलग ही होता है। सबसे बड़ी गलती ये कि हम जाते वक्त अपना कैमरा भूल गए, अब इस पर कितनी डांट खायी, ये बात फिर कभी। एक खास बात जो देखी सैन फ़्रांसिस्को में वो ये कि वहाँ के लोग पर्यावरण के प्रति बाक़ी जगहों से जागरूक लगे। कूड़ा रिसाईकल करने के लिए सब जगह सुविधाएं थीं। अधिकतर लोग सी ऍफ़ एल बल्ब का प्रयोग करते हैं। यहाँ तक कि विशालकाय सैन फ़्रांसिस्को पुल पर भी सी ऍफ़ एल बल्ब लगे थे। सैन फ़्रांसिस्को से कई छोटे शहर भी जुड़े हुए हैं, जैसे कि फ्रेमोंट, जहाँ काफी भारतीय रहते हैं। फ्रेमोंट इतना खूबसूरत है, जैसे जन्नत, बिना किसी अतिशयोक्ति। फिर से तस्वीरों कि कमी खल रही है। वहाँ एक भारतीय-पाकिस्तानी भोजनालय में ख़ूब खाना खाया। गजब का सस्ता खाना, और बड़ा स्वादिष्ट। शाम को खाने के समय ऐसे भीड़ देखने को मिलती कि लगता कोई अपने घर में खाना बनाना ही नहीं चाहता। लोग फ़ोन से आर्डर करके फिर खाना लेके भी जाते थे। सफाई के बारे में ज्यादा कुछ खास नहीं कहा जा सकता, लेकिन जहाँ इतना खाना बनता हो वहाँ ठीक ही होगा ;)। मगर जाने क्यों भारतीय दुकानों के शौचालय कहीँ साफ क्यों नहीं मिलते? कहना मुश्किल है मगर क्या ये हमारा राष्ट्रीय चरित्र दिखाता है? एक दो भारतीय कपड़ों की दुकान भी दिखी, पर जाने क्यों महिलाओं के भारतीय कपड़े अमरीका में बड़े ही बेकार मिलते हैं (हमारी धर्म पत्नी के अनुसार)। जैसा हमने पहले कहा है सैन फ़्रांसिस्को में मानचित्र आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन यहाँ अमेरिका के बाक़ी शहरों की तरह हर हाईवे एग्जिट की संख्या नहीं होती, जिससे कई बार धोखा हो सकता है कहीँ पहुंचने में, इसलिये गाड़ी चलते वक़्त ज्यादा ध्यान देना पड़ता है। खैर अब हमारा सैन फ़्रांसिस्को कई बार आना जाना होता रहेगा तो तस्वीरों की कमी भी जल्दी पूरी कर देंगे। राग |
Sunday, May 06, 2007
सभी चिट्ठाकारों से विनती
कृपया अपने लेख जस्टिफाई ना किया करें। फायरफॉक्स में नहीं पढ़ा जाता। मुझे मालूम है कि एक एड ऑन से इस समस्या को दूर किया जा सकता है, लेकिन तीन चार चिट्ठों के लिए एसा करना मुझे नहीं ठीक लगता। वैसे भी मैं अपने फायरफॉक्स में कम से कम एक्सटेंशन रखना चाहता हूँ, ताकि वो जल्दी चालू हो सके। |