Friday, January 12, 2007

न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी की एक दिन की यात्रा

पिछले रविवार को एक दिन के लिए न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी की यात्रा पर जाना हुआ। ब्लैक्सबर्ग जैसे छोटे शहर में रह कर न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी जैसे बड़े शहर एक अलग ही अनुभव होते हैं। पहले आठ घंटे की कार यात्रा भारी लग रही थी, लेकिन अपनी पत्नी और बहन का साथ और रास्ते भर बकर बकर में रास्ता पता ही नहीं चला। हमारा पड़ाव मुख्यतः न्यू जर्सी था जहाँ हम शाम चार बजे कार से पहुँचे। होटल से हम पास के ट्रांज़िट स्टेशन कार से गए। कार से जाने का लिए सड़क मानचित्र एसी जगह पर बहुत ही ज़रुरी होता है। आश्चर्यजनक रुप से होटल में मुफ्त मानचित्र नहीं थे, तब समझ आया कि यहाँ कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता। होटल की दुकान से मानचित्र खरीदने की कोशिश की तो सेल्स गर्ल का मानचित्र दिखाने से पहले दाम बताने का, और बात करने का रवैया अच्छा नहीं लगा और फिर हमने एसे ही सबवे स्टेशन जाने की कोशिश की जो कि न्यूजर्सी में एक बड़ी गलती है। एक और दुकान में खैर मानचित्र खरीदा मगर अनुभव वही रहा। लगा कि न्यूजर्सी में लोग खुश हो के बात करना नहीं चाहते। खैर ये भ्रम भी बड़ी जल्दी टूट गया जब कुछ लोगों ने बड़े उत्साह के साथ पूछने पर रास्ता बताया। वैसे न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी पहुँचने से पहले मानचित्र ले लेना चाहिए, सस्ता भी पड़ता है।



सबवे स्टेशन पर मैं और मेरी पत्नी विनीता


सबवे स्टेशन पर मैं और मेरी बहन रूपल


खैर नेवार्क शहर के पेन्न स्टेशन से हमने पाथ ट्रेन पकड़ी और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (न्यू यॉर्क) पहुँचे। उस जगह पाथ का स्टेशन था और 9/11 हादसे का स्मारक भी। हादसे के कई सारे चित्र वहाँ लगे थे। वहाँ से हमने सबवे पकड़ी और टाइम्स स्क्वायर गए। सब वे में बैठना अपनेआप में एक अनुभव है। एक के उपर एक कई तलों पर कई दिशाओं में चलती हुई ट्रेनें आश्चर्यचकित करती हैं। खैर, टाइम्स स्क्वायर की भव्यता चकाचौंध करने वाली थी। बड़े बड़े चमकदार डिजिटल होर्डिंग, बेहतरीन कैफे, थियेटर, खूबसूरत पोशाकों में सजे हुए खूबसूरत लोग। वहाँ के शोरूम और कैफे दैखने लायक थे। बग्घी में बैठने की इच्छा थी, मगर बारिश होने वाली थी। खैर एक बेहतरीन रेस्तरां (BOND 45) में बहुत महँगा और स्वादिष्ट खाना खाया, और बढ़िया कॉकटेल पी। रात को फिर सबवे से वापिस। यहाँ कार से चलना ठीक नहीं है, कई वन वे और भूल भलैया रास्तों में खोने से बेहतर है सस्ती सबवे में निश्चिंत घूमना।



टाइम्स स्कवायर में मेरी बहन रूपल

सबेरे नेवार्क में नेवार्क एवेन्यू गए, जो कि देसी इलाका है। एक बढ़िया मीठा पान खाया और दो तीन बार चाय पी। पकौड़ों और बटाटे बड़े से पेट भरा। घर के लिए सस्ते देसी सामान खरीदे। नेवार्क भी काफी बड़ा और व्यस्त शहर है और वहाँ घूमना भी अच्छा लगा। समय कम था अन्यथा लिबर्टी पार्क भी जाते। शाम साढ़े पाँच बजे निकल कर ब्लैक्सबर्ग पहुँचे रात साढ़े बारह बजे। चित्र संलग्न हैं।

अनुराग

5 टिप्पणियाँ:

Jitendra Chaudhary said...

बहुत सुन्दर!
अमरीका के बारे मे सभी लोग ज्यादा से ज्यादा जानना चाहता है, विशेषकर, वहाँ के लोगो, रहन-सहन के बारे में।

आशा है आप अपनी इस यात्रा को अमरीका के अन्य शहरों की तरफ़ भी ले जाएंगे।

bhuvnesh sharma said...

वाह अमेरिका में पान और बटाटा बड़ा
यात्रा का मजा दोगुना हो गया होगा, चित्रों के माध्यम से हम भी आपके साथ पूरा अमेरिका घूमने की ख्वाहिश रखते हैं।
:)

अनुराग श्रीवास्तव said...

पान की याद दिला कर ठीक नहीं किया. आज शाम को 'लिटिल इंडिया' जाना पडेगा.

वैसे 'ताइवान', 'फिलीपीन्स' और 'थाईलैण्ड' जैसे देशों में भी पान उपलब्ध हैं.

हलांकि 'ताईवान' में तो मैंने हाईवे के किनारे की जगमगाती पान की दुकान से पान खरीद कर चबाया ज़रूर है लेकिन याद नहीं आ रहा है कि उसको कहते क्या हैं.

'थाईलैण्ड' में इसे 'फान' कहते हैं.

हिन्दुस्तानी पान से थोडा अलहदा होते हैं इन देशों के पान.

Raag said...

जीतेन्द्र जी, अब से मैं अपनी यात्राओं का वर्णन देने का जरूर प्रयास करूँगा। अब से चिट्ठे पर चिपकाने के लिहाज से भी कुछ खास चित्र खीचुँगा।

भुवनेश जी, अमरीका में यूँ तो सब कुछ मिलता है मगर देश वाला स्वाद कुछ खास जगहों पर ही आता है। हम आपको चित्रों से अमरीका घुमाने का वादा करते हैं।

अनुराग जी, यहाँ भी कई जगह पान मिलते हैं, हम तो शौकिया कभी कभी खा लेते हैं इसलिए स्वाद का ज्यादा अंतर बता नहीं सकते।

अनूप शुक्ल said...

यात्रा विवरण और फोटो देखे। अच्छे लगे। क्या इसके बाद कभी यात्रा पर नहीं गये। एक बार पान के साथ भी फोटो खिंचाऒ न! दिखाऒ न!