होली तो इस बार भी बड़ी जम कर खेली हर बार की तरह। सोचा आपको भी वर्चुअल होली खिला दें। हमारी श्रीमती जी इस बार हमारे साथ नहीं थी, तो हम यहाँ अकेले ही थे, और बिना दाढ़ी बनाए घूम सकते थे। बाकि के चित्र यहाँ हैं। लोग आते गए और होली खेल कर खा पी कर जाते गए, इसी खेलाखेली में जितने चित्र खींच सका, प्रस्तुत हैं। |
Tuesday, March 13, 2007
एसी रही हमारी होली।
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4 टिप्पणियाँ:
अरे वाह भाई, आपने तो पूरे भारत स्टाईल होली खेल डाली. बहुत खूब.
होली मुबारक!!!! :)
भाई रंगे हो लेकिन हम पहचान गये। वैसे एक बात बता दें कि अगर तुम्हारी श्रीमती जी को तुम्हारी दाढ़ी नहीं पसंद है तो ये फोटो भी उन्हें चुभेगी। इसे उनके देखने के पहले हटा दो। यह सलाह है। पति एक आइटम होता है और पत्नियां अपने आइटम की मौज बरदास्त नहीं करती अमूमन, खासकर अपनी अनुपस्थिति में। मैंने बता दिया अब मानना न मानना तुम्हारे ऊपर है। वैसे जम रहे हो रंगे हुये।
तो ये दाढी है, वहाँ छोटी फोटो देख हम सोचे थे कि इंडिया स्टाईल काले रंग से भी होली खेली है
समीर जी आपको भी होली मुबारक। आपको चित्र अच्छे लगे ये देख कर अच्छा लगा। शुकुल जी जरा विवाहित जीवन के कुछ और राज़ों का खुलासा करें। अरे तरुन जी दाढ़ी आज गायब हो गई।
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