Wednesday, December 20, 2006

धूम-२ः कूड़े का ढेर

रात के २ बज रहे हैं, घर पर अभी धूम-२ खत्म हुई है। मित्रों के साथ मिल कर ६ लोगों ने देखनी शुरू की, एक बीच में घर चला गया, और एक सो गया। बाकी जिन्होने खत्म की, उनके चेहरे के भाव एसे हैं जैसे किसी ने बूरी तरह बेवकूफ बनाया हो।

सबसे पहले, कहानी बेकार, फिर पटकथा, अदाकारी तो खैर थी ही नहीं। हाल ये है कि ज्यादा बुराई करने की भी इच्छा नहीं हो रही। सच बताऊँ तो दिल सा टूट गया, इतनी हाइप्ड मूवी की ये हालत देख कर। अगर बिपाशा को टू पीस में और एश्वर्य को कुछ भड़काऊ कपड़ों में देखना हो तो आप ये मूवी देखने की हिम्मत करें, लेकिन फिर भी ये सौदा महँगा ही होगा।

खैर २००६ की मेरी बेहतरीन हिन्दी मूवीज़ की सूची। मेरे ख्याल से २००६ फिर भी अच्छा रहा निम्नलिखित अच्छी मूवीज़ पर गौर करें तो।

१. खोसला का घोंसला
२. रंग दे बसंती
३. लगे रहो मुन्नाभाई
कॉर्पोरेट
डोर
ओंकारा
बीइंग साइरस
५. प्यार के साईड इफैक्ट्स
आहिस्ता आहिस्ता

अनुराग

2 टिप्पणियाँ:

Anonymous said...

हमने पहले ही चेता दिया था, आपने पढ़ा नही होगा.
अब काबुल एक्सप्रेस का प्रोग्राम बना रहे हैं तो पहले यहाँ पढ़ ले :
http://www.tarakash.com/new2/index.php?option=com_content&task=view&id=66&Itemid=42

Amit Sachan said...
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