Sunday, July 23, 2006

हमारा पैसा, हमारा हिसाब - सूचना का अधिकार और जन आंदोलन।




संपादित (दिनांकः जुलाई 31, 2006) ऊपर विडियो में दिख रहे एक कार्यकर्ता हैं, श्री अरविंद केजरीवाल। इनकी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए इन्हें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। आप इन्हें parivartan_india@rediffmail.com पर बधाई दे सकते हैं।

आज ही कुछ मित्रों (AID-Association for India's Development-Blacksburg, Va, Chapter) ने सूचना के अधिकार पर चल रही ताजा बहस के संबंध में जानकारी भेजी और इस विडियो का स्रोत भी दिया।

सन् २००१ में भारत सरकार ने आम जनता को सूचना का अधिकार दिया था। इस अधिकार के अनुसार कोई भी आम व्यक्ति सरकार से किसी सरकारी परियोजना के संबंध में सूचना प्राप्त कर सकता है। अब मुद्दा ये है कि कोई भी सरकारी परियोजना कई माध्यमों से होती हुई अपने अंजाम तक पहुँचती है। और किसी भी परियोजना में क्या होगा, यह माध्यमों द्वारा दी गई टिप्पणी, सुझाव और प्रतिक्रियाओं पर निर्भर करता है।

अब कांग्रेस सरकार और इसके प्रधानमंत्री जो भारत के शायद सबसे बड़े दुर्भाग्य हैं, एक प्रस्ताव ला रहे हैं जिसके अनुसार सूचना के अधिकार के अन्तर्गत आपको किसी भी परियोजना के अंजाम की जानकारी प्राप्त हो सकेगी, लेकिन माध्यमों में क्या हुआ ये सरकारी राज हो जाएगा। उदाहरण के लिए अगर आप पूछें कि सूचना के अधिकार में संशोधन किसने प्रस्तुत किया? सरकारी राज़। किसने समर्थन किया? राज़। किसने विरोध किया? राज़। किस आधार पर समर्थन या विरोध हुआ? राज़। क्या किसी और की राय ली गई? राज़। उनके क्या विचार थे? राज़। राज़, राज़ और राज़।

हमें इस बात का एहसास होना चाहिए की सूचना का अधिकार हमारे हाथों में भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत बड़ा हथियार है।कई लोग इस संदर्भ में आंदोलन कर रहे हैं और मेरी तरह सरकार से इस संशोधन को वापिस लेने का आग्रह कर रहें हैं। आप कृपया इस बारे में और जानकारी प्राप्त करें और इस जाल आधारित (web based) निवेदन पर हस्ताक्षर करें

ऊपर, सूचना के अधिकार की मदद से चलाए गए एक सामाजिक आंदोलन (परिवर्तन की मदद से) का विडियो ज़रूर देखें। ये विडियो आपको सूचना के अधिकार के बारे में ना सिर्फ जानकारी देगा, बल्कि आम व्यक्ति के स्तर पर आंदोलन कैसे चलाया जाता है, इसका भी दृष्टिकोण देगा।

मेरा ये चिट्ठा संक्षिप्त रुप से हिन्दी में लिखने का ये कारण है कि मैं इतना महत्वपूर्ण मुद्दा ज्यादा से ज्याद लोगों तक पहुँचा सकूँ। विचार आमंत्रित हैं।

इस विषय पर अन्य स्रोत
इंडियन एक्सप्रेस-१
इंडियन एक्सप्रेस-२

सूचना के अधिकार से हल हुई कुछ समस्याएँ।

अनुराग मिश्र

1 टिप्पणियाँ:

अनुनाद सिंह said...

सूचना के अधिकार का कानून अगर अप्रभावी बन गया तो भारत से भ्रष्टाचार कभी नही मिट सकेगा|