tag:blogger.com,1999:blog-28671710.post1054233225648319265..comments2023-09-08T06:11:29.680-04:00Comments on राग- हिन्दी में: मुझे चाय भी नहीं बनानी आती...Raaghttp://www.blogger.com/profile/17899437600804420902noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-28671710.post-23819569358813495922007-02-15T21:52:00.000-05:002007-02-15T21:52:00.000-05:00आप लोगों की टिप्पणियों का धन्यवाद। आप सब ही मुझसे ...आप लोगों की टिप्पणियों का धन्यवाद। आप सब ही मुझसे सहमति रखते हैं इस मुद्दे पर। वैसे मेरे अनुभव से यह मुद्दा लड़कियों पर भी खूब आता है, कभी कभी लड़कों से ज्यादा। लेकिन चलिए इस प्रविष्टि से ये अच्छा है कि दिल्ली और सिंगापुर में खाने का पक्का इंतजाम हो गया है।Raaghttps://www.blogger.com/profile/17899437600804420902noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-28671710.post-50561157674093991372007-02-14T08:29:00.000-05:002007-02-14T08:29:00.000-05:00रोज़मर्रा की बातों में छिपी गहराई को सुंदरता से चि...रोज़मर्रा की बातों में छिपी गहराई को सुंदरता से चित्रित करते हैं आप. मां की छाया तो जीवन में मिली नहीं लिहाज़ा मैं सब कुछ बनाना सीख गया था. अब बना सकता हूं किंतु वक्त नहीं मिलता. शायद अगले साल तक फिर दोबारा पाककला के गुर दिखाऊं. कभी दिल्ली आओ तो हमारे हाथ का पका खाकर धन्य हो जाना हा हा. अपने इटली वाले रा.च. मिश्रा जी तो रोज़ खुद बनाते और खाते हैं. हम अकेले रहने वालों के साथ यही तो परेशानी है कि कि जो कच्चा-पक्का आता है बनाकर खा लेते हैं. घरेलू काम सभी को आना चाहिए वो चाहे खाना बनाना हो या बरतन-झाड़ू चौका पोछा.. सब कुछ. वो दिन दूर नहीं जब वैवाहिकी विज्ञापनों पर लिखा होगा. उम्र 28 साल, आय पांच अंको में गोरा, लंबा, गृहकार्य में दक्ष युवक के लिए वधु चाहिए .. हा हाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-28671710.post-49938839577069753612007-02-14T05:56:00.000-05:002007-02-14T05:56:00.000-05:00अनुराग भाई,आपकी सोंच की भी दाद देता हूँ…बड़ी सच बात...अनुराग भाई,<BR/>आपकी सोंच की भी दाद देता हूँ…बड़ी सच बात कही है…जब आप अपने परिवार से दूस चले जाते है तब इसका एहसास पूर्णत: हो जाता है…होटल का खाना कितने दिनों खाया जाया!!Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-28671710.post-62329805377846955772007-02-14T04:59:00.000-05:002007-02-14T04:59:00.000-05:00राग जी, आप बिल्कुल सही कह रहे हैं । किन्तु यह समस्...राग जी, आप बिल्कुल सही कह रहे हैं । किन्तु यह समस्या अधिकतर लड़कों के सामने आती हैं । घर का काम इतना कठिन भी नहीं ,कि आसानी से न सीखा जा सके । कुछ घरों में बेटे अपने हाथ से पानी का गिलास भी नहीं लेते । <BR/>घुघूती बासूती <BR/>ghughutibasuti.blogspot.comghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-28671710.post-67743361968212661722007-02-14T03:30:00.000-05:002007-02-14T03:30:00.000-05:00ठीक है, अगली बार सिंगापुर आना तो मैं खाना बना कर ख...ठीक है, अगली बार सिंगापुर आना तो मैं खाना बना कर खिलाऊंगा. प्लेटें मिल कर धो लेगे. मंज़ूर?!अनुराग श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/03416309171765363374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-28671710.post-70660454287947169242007-02-14T02:59:00.000-05:002007-02-14T02:59:00.000-05:00एकदम सही बात है। अगर कभी अकेला रहना पड़े तो इन बातो...एकदम सही बात है। अगर कभी अकेला रहना पड़े तो इन बातों का महत्व समझ आता है, होटल-ढाबे की रोटी खाकर चार दिन में आदमी उब जाता है।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-28671710.post-37730488737848364952007-02-14T02:46:00.000-05:002007-02-14T02:46:00.000-05:00ये श्रमसाध्य घरेलू काम लड़कों को भी करने चाहिए।घर म...ये श्रमसाध्य घरेलू काम लड़कों को भी करने चाहिए।घर में सिखाया जाय तब भी यह ध्यान दिया जाए कि ये तमाम काम लड़के भी सीखें और पति बन जाने के बाद भी इन श्रमसाध्य कामों में से कुछ करते रहें।जीवन आनन्दमय तब ही रहेगा ।अफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.com