मैंने अपनी पिछली पोस्ट में वर्जीनिया टेक में हुई घटना से सम्बंधित अपने कुछ अनुभव आपसे बांटे थे। इन कई अनुभवों में से एक अनुभव था मीडिया से। |
Sunday, April 29, 2007
वर्जीनिया टेक की घटना और मेरे अनुभव-2
Friday, April 27, 2007
पी टी एस डी: पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर
पी टी एस डी यानी "पोस्ट ट्रोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर।" हो सकता है कि आपमें से कईयों ने यह शब्द या परिभाषा पहली बार सुनी हो। इसका सीधा सा अर्थ है, किसी ट्रॉमा यानी किसी दर्दनाक हादसे के बाद होने वाला मानसिक दबाव या असंतुलन। वर्जीनिया टेक में हाल में हुई घटना हमारे जैसे कई छात्रों और शिक्षकों के लिए दर्दनाक हादसा है और हम पी टी एस डी के अलग अलग प्रभाव देख हैं। |
Tuesday, April 24, 2007
वर्जीनिया टेक की घटना और मेरे अनुभव-1
अभी हाल में वर्जीनिया टेक में हुए नरसंहार ने हम लोग को ऊपर से नीचे तक हिला दिया। इस घटना ने बहुत सारे अनुभव भी दिए। इस घटना ने जो सिखाया उसे शायद सीखने में इन्सान कि उम्र निकल जाये, और ये ज़रूरी है कि उसकी उचित मीमांसा भी कि जाये। पहले दो दिन तक दिमाग झटके में ही रहा और कुछ महसूस नहीं हुआ। फिर धीरे धीरे जैसे मृत लोगों के बारे में खबरें आने लगीं, दिल में बेबसी, दुःख, ग़ुस्सा, अपराधबोध और ना जाने क्या क्या भावनाएं आयीं। घटना के अलावा कई अनुभव और भी हुए, जिसमें खास तौर पर ऐसे समय पर मानव ह्रदय कि कोमल भावनाओं को देखा, मीडिया का गिद्ध स्वाभाव देखा, और कई लोगों कि मूर्खता भी देखी। |
Monday, April 16, 2007
वर्जीनिया टेक में गोलीबारी: ३३ हत, कई आहत
वर्जीनिया टेक की ड्रिल फील्ड पर कुछ देर पहले करीब २०-२५००० होकीज़ (यानी वर्जीनिया टेक के छात्र, प्राध्यापक, स्टाफ और अलेम्नाई ) और अन्य लोगों ने मोमबत्तियां जलाईं गईं और मिलकर अपनी एकता का आह्वान किया। ड्रिल फील्ड से एक ताज़ा चित्र। हत छात्रों एक और छात्र का नाम है रीमा साहा जो कि नाम से भारतीय मूल कि लगती हैं, मगर इसके अलावा कोई और जानकारी इनके बारे में अभी उपलब्ध नहीं है। रीमा प्रथम वर्ष की छात्रा हैं जो की वॉशिंग्टन के पास सेंटरविल की रहने वाली हैं। --रीमा के बारे में ताज़ा जानकारी ये बताती है की वे मूलतः इजराइल से थीं। भारतीय दूतावास से अधिकारी वर्जीनिया टेक में। वे भारतीय छात्रों को ये बताना चाहते हैं कि वे कैसे भारतीय छात्रों की मदद कर सकते हैं। ये मुद्दा अलग है कि वे कभी भी अपना फोन नहीं उठाते, बात और मदद तो दूर कि बात है। भारतीय छात्रा मीनल पांचाल की मृत्यु की पुष्टि। हत्यारे कि पहचान के दक्षिण कोरिया के छात्र के रुप में की गयी है। ज्यादा जानकारी यहाँ उपलब्ध है। कुछ हत लोगों के नाम घोषित कर दिए गए हैं, जिन्हे आप यहाँ देख सकते हैं। मेरे विभाग कि एक छात्रा जूलिया प्राइड कि भी इसी घटना में मृत्यु हो गयी है। मारे जाने वालों में एक प्रोफेसर डॉ॰ जी वी लोगानेथान भारतीय हैं। सिविल इंजीनियरिंग कि एक कक्षा जो मैंने तीन साल पहले ली थी -इन्ही प्रोफेसर के द्वारा- उसमें लगभग सभी मारे गए। एक भारतीय छात्र के गायब होने कि खबर कई स्रोतों से सुनने में आयी है , लेकिन अभी तक कोई पक्की खबर नही है। ताज़ा खबर: अभी तक मारे जाने वाले लोगों कि संख्या ३३ बताई गयी है। ३१ लोग इंजीनियरिंग हॉल और २ लोग छात्रावास में मारे गए। जैसा आपमें से कई जानते हैं कि मैं वर्जीनिया टेक में पीएच.डी कर रहा हूँ। १६ अप्रैल को किसी अज्ञात बंदूकधारी या किन्हीं अज्ञात बंदूकधारियों ने दो अलग अलग जगहों पर कई लोगों कि गोली मार कर हत्या कर दी। पहली घटना एक छात्रावास में करीब सवेरे ७:१५ बजे हुई, और दूसरी घटना एक इंजीनियरिंग हॉल में करीब ९:३० बजे के बाद हुई। फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि ये घटनाएं जुड़ी हैं या अलग अलग और अभी तक सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं। अभी तक कि पक्की खबर ये बता रही है कि करीब ३२ लोगों कि मृत्यु हो चुकी है, जिनमें एक बंदूकधारी भी शामिल है। अमरीका के इतिहास में ये अभी तक की सबसे बड़ी घटना बतायी जा रही है। मुझे चूंकि आज कालेज देर से जाना था और जब तक मैं जाता, इस बारे में खबर आ चुकी थी, इसलिये मैं सुरक्षित घर पर ही रहा। मेरे मित्रों में भी सभी ताज़ा जानकारी मिलने तक सुरक्षित हैं। इंजीनियरिंग हॉल में कई भारतीय भी पढ़ते हैं, किन्तु जिस कक्षा में ऐसा हुआ वहाँ के बारे में कोई खास जानकारी फिलहाल नहीं है। जैसे जैसे जानकारी मिलेगी मैं इसी पन्ने पर बताता रहूँगा। हत्या के कारण के बारे में कई कयास लगाए जा रहे हैं, जिनके बारे में अभी बात करना जल्दबाजी होगी। नीरज दीवान जी के सौजन्य से मैंने इंडिया टीवी पर भी इस बारे में सीधी बातचीत की, जिसके बारे में बाक़ी जानकारी वही देंगे। आज रात को मैं इससे सम्बंधित शोक सभा में भी जाऊंगा। राग |
Sunday, April 15, 2007
ग्लोबल वार्मिंग: कुछ सत्य कुछ मिथक
जैसा आपमें से कईयों ने देखा है कि परिचर्चा में मैंने एक विषय शुरू किया जिसमें कई लोगों ने ये बातें कहीं कि वे पर्यावरण बचाने में क्या योगदान करते हैं, और क्या करना चाहते हैं। ग्लोबल वार्मिंग जैसे मुद्दे पर कुछ मिथक और कुछ शंकाएं भी हैं तो मुझे लगा कि मैं इस मुद्दे पर कुछ अपने विचार रखूँ। |
Friday, April 13, 2007
मादक शनिवार
मित्रों इस बार वर्जीनिया टेक के भारतीय कार्यक्रमों में हिंदी सिनेमा के कुछ बेहतरीन मादक और मदहोश करने वाले गाने सुनाऊंगा। आशा है कि आपको ये गाने प्रसन्न करेंगे। ज्यादा जानकारी के लिए देखें। |
Tuesday, April 10, 2007
सेक्स श्श्श्श्श्श्श्श
अरे अगर सेक्स का ज्ञान दिया तो बच्चे बिगड़ ना जायेंगे। उनका चरित्र खराब हो जाएगा, शायद वे आपस में ही सेक्स करने लगे। |
Friday, April 06, 2007
आई पी सी सी की ताज़ा रिपोर्ट - खतरनाक स्थिति
अब आई पी सी सी की ताज़ा रिपोर्ट भी आ गयी है। रिपोर्ट अगर आपने नहीं पढ़ी है तो रिपोर्ट की मुख्य बात ये है कि ग्लोबल वार्मिंग का सबसे ज्यादा असर गरीब देशों पर होगा। रिपोर्ट साफ साफ यह कहती है कि उत्तर भारत इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली जगहों में से एक होगा. अब ग्लोबल वार्मिंग से प्रभावित होने वाले लोगों कि संख्या लाखों या करोड़ों में नहीं बल्कि अरबों में होगी. जो अब तक सो रहे हैं उन्हें ये एहसास होना चाहिऐ कि आज के बच्चे, क्या शायद हम और आप भी अच्छे वातावरण में सांस ना ले सकें। |
Thursday, April 05, 2007
परिचर्चा में चर्चा कीजिये पर्यावरण को दिए अपने योगदान की
हिंदी परिचर्चा में मैंने एक विषय बनाया है जिसमें आप पर्यावरण को दिए अपने व्यक्तिगत सहयोग के बारे में अपना अनुभव बाँट सकतें हैं। इस चर्चा में आप उन सब बातों का उल्लेख करें जिससे आप को लगता है कि आप पर्यावरण को सहयोग दे रहे है। इससे ना सिर्फ ये पता चलेगा कि व्यक्तिगत स्तर पर हम पर्यावरण के लिए कितने जागरूक हैं, बल्कि पढने वाले लोगों को भी कुछ नया करने कि प्रेरणा मिलेगी। इस छोटे से प्रयास से शायद हम पृथ्वी का कुछ थोडा सा भला कर सकतें हैं। |
Tuesday, April 03, 2007
चलो नेतागिरी करें
दो दिन पहले उप्र के चुनाव कि कवरेज सुन रह था बीबीसी में. जी उकता गया सच में. सोचा कि जिन मुद्दों को मैं थोड़ा सा भी महत्व देता हूँ, उसकी क्या कीमत है आज?
चलो नेतागिरी करें तुम जाती का मुद्दा उठाओ, हम गरीबी का उठाते हैं तुम मंदिर बनाओ, हम कहीँ मदरसा खङा करवाते हैं तुम जुर्म कि गिनती कराओ हम गबन कि करवाते हैं चलो नेतागिरी करतें हैं अब क्या करना इस बात से कि किसान मर रहे हैं सरपंच से कह कर उनके वोट तो पड़ ही जाते हैं अब क्या करना इस बात से कि गंगा गन्दी हो रही है कुम्भ में नहाते वक्त पानी ही तो छोड़ना होगा बाँध से और फिर हो जाएगा हर हर गंगे क्या मतलब इस बात से कि सूख रही गंगा, नहीं कर पाएगी भरण पोषण इस सूखते हुए राज्य का। बंगलादेश से मँगा लेंगे कुछ और वोटर बिजली अब कोई मुद्दा नहीं सबके पास जनरेटर है नहीं तो एक इनवर्टर है वैसे एक घंटे भी रहेगी बिजली तो अमिताभ प्रचार कर ही देगा भ्रष्टाचार कोई मुद्दा रहा नहीं एक ही तो हम्माम है सब ही हैं इसमें नंगे हम राजा तो तुम्हारी जांच तुम राजा तो हमारी जांच यह खेल भी बड़ा निराला है सबको मंत्रमुग्ध कर डाला है फिर गद्दी पर आएंगे कुछ और भी खेल दिखायेंगे आओ वोट माँग के आते हैं, कुछ और भी रंग दिखाते हैं चलो नेतागिरी फैलाते हैं राग |
Monday, April 02, 2007
सन् २०३० के बाद क्या गंगा बचेगी?
कल इस बारे में समाचार देखा कि २०३० तक हिमालय के हिमनद अपने आकार के १/५ ही रह जायेंगे। वैसे इस बारे में पहले भी को चेतावनियाँ आ चुकी हैं मगर यह ताज़ा रिपोर्ट कहती है कि इन हिमनदों के घटने का स्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा है और अगर पृथ्वी यूं ही गर्म होती रही तो २०३० तक यह हिमनद बुरी तरह घट जायेंगे। यदि आपको लगता है कि आपको कुछ करना चाहिऐ तो पढिये टाइम का ताज़ा अंक और कुछ प्रेरणा लीजिये। लोगों को और जागरूक बनाइये, कृपण होइये, बिजली बचाइए, मगर कैसे भी करके इस पृथ्वी को बचाइए। |